लेबल: अनुभव, कविता, जन्म समाज, जिंदगी, ब्लॉग, मौत | पर 8:53 am
जिंदगी
जन्म से मौत तक का,
नजारा है,
जिंदगी....
कोई छूटा, कोई चला, कोई गिरा,
कोई मिला, कोई भूला..
बस यही तमाशा है,
जिंदगी.....
कोई चमका, कोई जीता, कोई हारा,
और बैठ गया मौत की लाइन में,
बस यही किस्सा है,
जिंदगी....
जन्म से मौत तक का,
नजारा है,
जिंदगी......
1 टिप्पणियाँ:
बहुत उम्दा!
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